NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Not known Factual Statements About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

Not known Factual Statements About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए

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आप चाहे तो मोहिनी वशीकरण यंत्र का प्रयोग कर सकते है.

ॐ नमो गुड़, गुड़ रे तूं गुड़, गुड़ तामड़ा मसान केलिकरंताजा, उसका देग उमा सब हर्ष हमारी आस खसम को देखे जलै बसे। हमको देवै साकि रुचलै चालि चालि रे कालिका के पूत जोगी संगम और अवधूत सोती होय जगाय लाव, न लावै तो माता कालिका की शय्या पर पांव घरै। शब्द सांचा पिण्ड कांचा, फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।

विधि: मंत्र सिद्धि के लिए, किसी भी ग्रहणकाल के दौरान एक मिट्टी का चौमुखा दीपक और चार लौंग लेकर किसी पवित्र स्थान पर बैठें। दीपक में चमेली का तेल डालें और चार बत्तियों को तेल में भिगोकर जलाएं। दीपक को इस प्रकार रखें कि प्रत्येक बत्ती का मुँह अलग-अलग चार दिशाओं की ओर हो। प्रत्येक बत्ती के पास एक लौंग रखें। ग्रहण के आरंभ से लेकर उसके समाप्त होने तक मंत्र का निरंतर जाप करें।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं (अमुक) मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा॥

होली या दीपावली जब रविवार के दिन हो, तो एरण्ड के पौधे को उपर्युक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए बाँयें हाथ द्वारा एक झटके से उखाड़कर ले आएं। फिर इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके मन्त्र से इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री से स्पर्श करा देंगे, वह तत्काल वशीभूत हो जाएगी।

इसमें विभिन्न यंत्र, तंत्र, और ताबीज का उपयोग किया जाता है.

(अमुक अमुका मतलब स्त्री या पुरुष का नाम)

वशीकरण मंत्र का click here उपयोग करने से आप किसी को अपनी आज्ञाकारी शक्ति के तहत ला सकते हैं। यह उन विशेष तत्वों को जगाने का कार्य करता है जो व्यक्ति को आपकी आज्ञाएं मानने और कार्य करने में प्रेरित कर सकते हैं।

तीन दिन के बाद जाप समाप्त होने पर नारियल किसी नदी में ससम्मान प्रवाहित कर दें

त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा

आप पाने व्यवहार से किसी को भी अपना बना सकते है। जहां व्यवहार कार्य नहीं करता वहां तंत्र कार्य कर सकता है।

ॐ नमो काल भैरव काली रात काला आया आधी रात चलै कतार बांधू तू बावन वीर पर नारी सो राखै सीर छाती घरिके वाको लाओ सोती होय जगा के लाओ बैठी होय उठा के लाओ शब्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश गुरु का।

ॐ नमो अरिहताणं। अरे अरिणी मोहिनी। ‘अमुकी’ मोहय मोहय स्वाहा।

परिणाम व्यक्ति और स्थिति के अनुसार अलग-अलग होते हैं।

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